चांदनी रात
चमन के किसी भी कोने में वो मिली नहीं है
यह रात चांदनी तो है मगर उजली नहीं है
मजबूरियों ने उसके लबों को ख़ामोशी दे दी
आंख मिलाती तो है मुझसे बात करती नहीं है
मौजूद है मेरे कमरे में अब तक उसका वजूद
सिर्फ फ्रेम बदला है मैंने तस्वीर बदली नहीं है
तनहा हो गयी होगी वो भी बिछड़कर मुझसे
मुझे मालूम है कि उसकी कोई सहेली नहीं है
ख़ुशी और ग़म हर एक जीस्त का हिस्सा है
दुश्वार है इश्क़ की डगर 'राही" पहेली नहीं है
Gunjan Kamal
15-Nov-2022 06:09 PM
बहुत ही सुन्दर
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Abhinav ji
10-Nov-2022 07:46 AM
Very nice👍
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अनीस राही
10-Nov-2022 02:04 PM
Shukriya
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
10-Nov-2022 06:57 AM
मौजूद है मेरे कमरे में अब तक उसका वज़ूद ,,,,, सिर्फ फ्रेम बदला है तस्वीर नहीं, ,,,, outstanding मजा आ गया
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